top of page
Search
  • Writer's pictureJaspal Kahlon

Baat Niklegi To Phir Door Talak Jayegi

बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जायेगी लोग बेवजह उदासी का सबब पूछेंगे

ये भी पूछेंगे के तुम इतनी परेशान क्यों हो उंगलियाँ उठेगी सूखे हुए बालों की तरफ एक नजर देखेंगे गुजरे हुये सालों की तरफ चूड़ियों पर भी के तंज किये जायेंगे कापतें हाथों पर भी फिकरे कसे जायेंगे लोग जालिम हैं हर इक बात का ताना देंगे बातों बातों में मेरा जिक्र भी ले आयेंगे उन की बातों का जरा सा भी असर मत लेना वरना चेहरे के तासुर से समझ जायेंगे चाहे कुछ भी हो सवालात ना करना उनसे मेरे बारे में कोई बात ना करना उनसे

0 views0 comments

Recent Posts

See All

My journey with books has been one of enlightenment and self-discovery. Books like "Thinking Fast and Slow", "Nudge", "Skin in the Game", "Predictably Irrational", "Hooked", and "Range" have left a pr

Post: Blog2_Post
bottom of page